Грецкий Олег
Понастоящем извън линия
Изложение на отличеното художествено творчество
1
●▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬●▬▬▬▬▬▬▬▬๑۩۩๑▬▬▬▬▬▬▬▬▬●▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬●
एक लटकत आंग, रिकाम्या मळबांत, दैवाचो एक निर्जीव अंकुर, मोगान गेलो.
थकल्लो आनी मार खाल्लो, तो गुन्यांवकार आनी विसरलो, काळखांतल्यान वयर लटकून, मुखामळ नाशिल्लीं सपनां.

आनी क्षितीज, उंचायेंतल्यान वचून, मळमळ हाडून, हांव मरतलों, एक निशाण सोडून. पूण कोणाच्या आत्म्यांत, रगतभरीत आनी भयानक, मळबा सकयल लटकून, आनी निश्ठावान मोगाळ?

अपेसाचे सार म्हळ्यार सोडून दिवप

ह्या संवसारांत मनीसजातीचें नशीब कितें थारायता? कांय अदृश्य जीव वा कायदो, जशें संवसाराचेर मंडरापी प्रभूचो हात? मनशाक आपले इत्सेचेर लेगीत सत्ता ना हें निदान खरें.
●▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬●▬▬▬▬▬▬▬▬๑۩۩๑▬▬▬▬▬▬▬▬▬●▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬
Скорошна дейност
2 639 изиграни часа
последно пускане 21 юни
846 изиграни часа
последно пускане 17 юни
20 изиграни часа
последно пускане 14 юни
Коментари
LYUCIVASH 31 окт. 2024 в 8:05 
лол чел такой изичный ботик в доттке
NicRomaNt 5 февр. 2023 в 10:17 
+rep